तुवरी भस्म की निर्माण विधि,सामान्य गुण और मात्रा -
तुवरी भस्म -
घटक द्रव्य -
शुद्ध स्फटिक ( Alum ) इसको हिन्दी में फिटकरी के नाम से जानते है |
निर्माण विधि -
स्फटिक को बारीक़ पीसकर गर्म तवे या कड़ाई में डालकर अच्छी तरह पकावें, जब तक इसका द्रव भाग अच्छी तरह सूख नहीं जाता तब तक धीमी आंच पर पकाते रहें | यह पककर फूलने लगती है और इसका रंग भी सफ़ेद हो जाता है | ठंडा होने के बाद इसको बारीक पीसके कांच की शीशी में सुरक्षित भरके रख लेते है |
तुवरी भस्म की मात्रा और अनुपान -
इसकी 125mg से 250mg की मात्रा दिन में एक या दो बार भोजन से पहले या बाद में शहद या दूध के साथ ले सकते है |
तुवरी भस्म का उपयोग -
इसका प्रयोग त्वकरोग ( skin diseases ), कास-श्वास रोग ( खांसी ), ज्वर ( बुखार ), और व्रण ( wounds ) में किया जाता है |
No comments:
Post a Comment