Saturday 10 December 2016

अगद तंत्र की परिभाषा,प्रयोजन,उपयोगिता एवं निरुक्ति

                  SUBJECT - AGAD TANTRA

TOPIC-1 


अगद तंत्र की परिभाषा,प्रयोजन,उपयोगिता एवं निरुक्ति ।  

अगद तंत्र की परिभाषा - अगद तंत्र चिकित्सा शास्त्र की वह शाखा है। जो प्राणी के मन और देह की विषों से रक्षा करके आरोग्यता प्रदान करता है। आचार्य सुश्रुत के अनुसार जिसमें सर्प, कीट, कीड़े, मकड़ी आदि से डसे हुए तथा अन्य विविध प्रकार के स्वभाविक कृत्रिम एवं संयोजक विष से पीड़ित हुए प्राणियों की पीड़ा की चिकित्सा की जाती है । 

अगद तंत्र की निरुक्ति - अगद तंत्र दो शब्दों से मिलकर बना है। अगद + तंत्र । इस का लिए इन दोनों शब्दों के अर्थ को समझना ज़रूरी है । अ का अर्थ है। विष आदि को दूर करना या उसकी चिकित्सा करना । गद का अर्थ है । विष दुःख, पीड़ा पैदा करना। अर्थात वह विष कहलाता है । और उसको दूर करने वाले द्रव्य को हम अगद तंत्र कहते है । जिसके द्वारा विषों से शरीर की रक्षा की जाये उसका निदान एवं चिकित्सा की जाये। यह अगद तंत्र की निरुक्ति है ।
अगद तंत्र का प्रयोजन - अगद तंत्र विष का विज्ञान है। आयुर्वेद की यह प्रमुख शाखा है जिसका उद्देशय है। 
1) स्वस्थ प्राणी के स्वास्थ्य की रक्षा करना 
2 ) रोगी प्राणी के रोग का शमन करना । 
अगद तंत्र के भी दो मुख्य प्रयोजन बताये गये है 
1 ) स्वस्थ मनुष्य की विष के प्रभावो से रक्षा करना । 
2 ) विष खाये हुये तथा विष से पीड़ित व्यक्ति की पीड़ा को शमन कर स्वस्थता प्रदान करना है। 

अगद तंत्र की उपयोगिता - आज का युग वैज्ञानिक युग है। इस लिए अगद तंत्र की उपयोगिता का ज्ञान होना अति आवश्यक है।  
1 ) आजकल मादक द्रव्य तथा व्यसनकारी औषधियों का बड़े पैमाने पर प्रयोग हो रहा है। उनके विषाक्त प्रभाव का पता हमे अगद तंत्र द्वारा ही चलता है। 
2 ) विष मिले हुए भोजन को पहचान करने की विधि हमे अगद तंत्र से प्राप्त होती है । 
3 ) विष से पीड़ित प्राणियों के रोगों की चिकित्सा तथा लक्षण देखकर अनुमान चिकित्सा कैसे की जाये । यह अगद तंत्र द्वारा ही पता चलता है। 
4 ) अगद तंत्र विष का नई विधियों से उपचार करने का ज्ञान प्रदान करता है । 
5 ) अगद तंत्र विरुद्ध आहार खाने से शरीर में होने वाली हानियों का ज्ञान करवाता है । 
6 ) कीटनाशक औषधियों तथा विषैली गैसों से कैसे प्राणी  की रक्षा की जाये इसका ज्ञान हमे अगद तंत्र से होता है । 
7 ) कई विषों से विषों को शुद्ध करके औषधियों को प्रयोग में लाकर रोगों का उपचार करना अगद तंत्र से संभव है । 
8 ) अगद तंत्र की उत्पति होने से लाखों लोगों को जीवन दान प्राप्त हुआ है इस लिए अगद तंत्र की मानव जीवन में विशेष महत्वता एवं उपयोगिता है । 

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