कुटजघन वटी की निर्माण विधि,सामान्य गुण और मात्रा -
कुटजघन वटी-
घटक द्रव्य -
- कुटज छाल - 48gm.
- काढ़ा बनाने के लिए जल - 768gm.
- अतिविष - 12gm .
निर्माण विधि - कुटज की छाल को साफ़ करके 768ml पानी में उबालें , जब जल का आठवां भाग अर्थात 96 ml रह जाये तो काढ़ा बनाने के लिए छानकर इसको फिर से धीमी आंच पर पकायें और कड़छी से कल्क को हिलाते रहें जब तक कल्क गाढ़ा नहीं हो जाता, इसके बाद इसको थाली में डालकर धूप में सुखाने के लिए रखें और अतिविष का चूर्ण मिलाकर इसकी 250 mg की गोली बनाकर सूखा लें और सूखने के बाद इसको कांच की शीशी में भरकर रख लें।
मात्रा और अनुपान - 250mg से 500mg या 2 से 4 गोली दिन में दो से तीन बार जल के साथ खाने को दें और बच्चों को एक गोली दिन में एक से दो बार भोजन के बाद खाने को दें |
उपयोग - कुटज घन वटी का प्रयोग अतिसार, ग्रहणी, कफ और पित्त दोषों का नाश करके के लिए किया जाता है |
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