Saturday, 7 January 2017

सिक्थ तैल कल्पना

TOPIC- 27               सिक्थ तैल कल्पना  

परिचय - सिक्थ को मोम भी कहा जाता है आयुर्वेद में मोम का अर्थ मधुमक्खी के छत्ते से लिया गया है  इस मोम अर्थात सिक्थ का प्रयोग आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण में किया जाता है।  सिक्थ तैल निर्माण की दो विधियां होती है। 

प्रथम निर्माण विधि- सर्वप्रथम एक भाग मोम तथा आठ भाग तिल तैल को कड़ाही में डालकर धीमी आंच पर पाक करते है। इसमें सिक्थ ( मोम ) की मात्रा 50 ग्राम और तिल तैल की मात्रा 400 मिलीलीटर लेनी होती है। जब मोम पिघलकर तैल में मिल जाये तब तक कड़छी से उसे हिलाते रहे जब गाढ़ा हो जाये तो उसको कांच की चौड़े मुख वाली शीशी में रख लेते है इसको ही सिक्थ तैल कहते है।  

दूसरी निर्माण विधि- इस विधि में सिक्थ 50 ग्राम तथा तिल तैल 250 मिलीलीटर अथवा एक भाग मोम और पांच भाग तिल तैल कड़ाही में डालकर उसको धीमी आंच पर पकाकर तीन घंटे तक कड़छी से हिलाते रहे जब यह द्रव्य मिलकर गाढ़ा होकर एक जैसा हो जाये  तो कांच के पात्र में रख लेते है यह सिक्थ तैल है। 

प्रयोग - इसका प्रयोग व्रण रोपण के लिए और  त्वक रोगों ( skin diseases ) में किया जाता है । 

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