TOPIC- 25 मलहम कल्पना
परिचय- व्रण,विद्रधि तथा त्वचा के विकारों के मल को दूर करने वाली कल्पना मलहम कहलाती है। इसको मलहर भी कहा जाता है। इंग्लिश में इसको ointment कहते है। मलहम में दो प्रकार के द्रव्यों का प्रयोग किया जाता है।
1) चिकनाई के लिए तैल,मोम,सिक्थ तैल, गन्धविरोज़ा, शतधौत घृत, वैसलीन liquid paraffin आदि द्रव्य ।
2) पारद, गंधक, रसपुष्प, रससिंदूर, स्फटिक, टंकण, कर्पूर, अजवायन के फूल आदि औषधियों का सूक्ष्म चूर्ण आदि ।
निर्माण विधि - मलहम बनाने के लिए सबसे पहले एक स्वच्छ स्टैनलेस स्टील के पात्र में तैल डालकर सिक्थ, गंधविरोजा मोमादि डालकर मृदु आंच पर गर्म करते है। पिघलने के बाद इसमें निर्दिष्ट पारद, गंधक आदि औषदि द्रव्य का चूर्ण करके छानकर गर्म तैल में डालकर अच्छी प्रकार मिलालें । इस तैयार मलहम को स्वच्छ कांच, चीनी, मिट्टी के पात्र में भरकर मुख को अच्छी प्रकार बंद करके सुरक्षित स्थान पर रख दें ।
परिचय- व्रण,विद्रधि तथा त्वचा के विकारों के मल को दूर करने वाली कल्पना मलहम कहलाती है। इसको मलहर भी कहा जाता है। इंग्लिश में इसको ointment कहते है। मलहम में दो प्रकार के द्रव्यों का प्रयोग किया जाता है।
1) चिकनाई के लिए तैल,मोम,सिक्थ तैल, गन्धविरोज़ा, शतधौत घृत, वैसलीन liquid paraffin आदि द्रव्य ।
2) पारद, गंधक, रसपुष्प, रससिंदूर, स्फटिक, टंकण, कर्पूर, अजवायन के फूल आदि औषधियों का सूक्ष्म चूर्ण आदि ।
निर्माण विधि - मलहम बनाने के लिए सबसे पहले एक स्वच्छ स्टैनलेस स्टील के पात्र में तैल डालकर सिक्थ, गंधविरोजा मोमादि डालकर मृदु आंच पर गर्म करते है। पिघलने के बाद इसमें निर्दिष्ट पारद, गंधक आदि औषदि द्रव्य का चूर्ण करके छानकर गर्म तैल में डालकर अच्छी प्रकार मिलालें । इस तैयार मलहम को स्वच्छ कांच, चीनी, मिट्टी के पात्र में भरकर मुख को अच्छी प्रकार बंद करके सुरक्षित स्थान पर रख दें ।
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