Thursday, 8 December 2016

विभिन्न औषध कल्पो का परिचय, परिभाषा, निर्माण विधि का ज्ञान।(1) षडङ्गपानीय

विभिन्न औषध कल्पो का परिचय, परिभाषा, निर्माण विधि का ज्ञान। 

TOPIC- 6 
                          (1)   षडङ्गपानीय 

परिभाषा - यह उशीर अदि छः द्रव्यों को जल में मिलाकर उबालकर शीतल करके ज्वरजन्य, पिपासा की शांति के लिए दी जाने वाली पानीये कल्पना है। 


द्रव्य - 1) उशीर ( खस ) = 2 ग्राम 
          2) नागरमोथा = 2 ग्राम 
          3) सुगन्धबाला = 2 ग्राम 
          4) शुण्ठी = 2 ग्राम 
          5) रक्तचंदन = 2 ग्राम 
          6) पर्पट ( पित्तपापड़ा ) = 2 ग्राम 
इन सभी द्रव्यों को यवकूट चूर्ण करके 64 तोले जल में उबाल ले। फिर छानकर मिटटी के या स्टेनलेस स्टील के पात्र में ठंडा होने के लिए रख दे। ठंडा होने के बाद इसका सेवन करना चाहिए। 

उपयोग - इसका उपयोग दाह, तृष्णा, पिपासा और ज्वर तथा अन्य पितज विकारों में किया जाता है। 

मात्रा - 4 से 8 तोले की मात्रा दिन में 4 से 6 बार। 

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