TOPIC- 2 लाक्षारस
परिचय - पीपल की छाल ( लाक्षा ) 4 तोले की मात्रा में ले । और 24 तोले जल के साथ ढोला यंत्र में डालकर धीमी आंच पर पाक करे। जब इसका जल चौथाई भाग शेष रह जाये तो चूल्ले से उतार कर ठंडा कर ले। फिर उसके बाद इसको 21 बार कपडे से छान कर रखे। अथवा रोगी को पीने को दें ।
उपयोग - वातजन्य रोगों में इसका प्रयोग किया जाता है। जैसे- आमवात, उरुस्तंभ, अस्थिभगन इत्यादि ।
मात्रा - 25 ML. से 50 ML.
परिचय - पीपल की छाल ( लाक्षा ) 4 तोले की मात्रा में ले । और 24 तोले जल के साथ ढोला यंत्र में डालकर धीमी आंच पर पाक करे। जब इसका जल चौथाई भाग शेष रह जाये तो चूल्ले से उतार कर ठंडा कर ले। फिर उसके बाद इसको 21 बार कपडे से छान कर रखे। अथवा रोगी को पीने को दें ।
उपयोग - वातजन्य रोगों में इसका प्रयोग किया जाता है। जैसे- आमवात, उरुस्तंभ, अस्थिभगन इत्यादि ।
मात्रा - 25 ML. से 50 ML.
No comments:
Post a Comment