TOPIC- 19 मण्ड कल्पना
परिभाषा- चावल को बनाने के बाद उसका जो द्रव भाग छानकर निकाला जाता है। इसको रोगी को पीने को दिया जाता है। इसको मण्ड कहते है।
निर्माण विधि- मण्ड बनाने के लिए चावल को कूटकर मोटा दरदरा चूर्ण बनाकर स्टेनलेस स्टील के बर्तन में 14 गुना जल के साथ आग पर पकाया जाता है। जब चावल पक जाये तो उसे उतार कर कपड़े से छानकर इस द्रव भाग मण्ड में स्वाद अनुसार सैन्धव नमक, शुण्ठी, काली मरिच आदि मिलाकर रोगी को पथ्य के रूप में पिलाते है। यह मण्ड दीपन, पाचन गुणों से युक्त है ।
परिभाषा- चावल को बनाने के बाद उसका जो द्रव भाग छानकर निकाला जाता है। इसको रोगी को पीने को दिया जाता है। इसको मण्ड कहते है।
निर्माण विधि- मण्ड बनाने के लिए चावल को कूटकर मोटा दरदरा चूर्ण बनाकर स्टेनलेस स्टील के बर्तन में 14 गुना जल के साथ आग पर पकाया जाता है। जब चावल पक जाये तो उसे उतार कर कपड़े से छानकर इस द्रव भाग मण्ड में स्वाद अनुसार सैन्धव नमक, शुण्ठी, काली मरिच आदि मिलाकर रोगी को पथ्य के रूप में पिलाते है। यह मण्ड दीपन, पाचन गुणों से युक्त है ।
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