TOPIC - 18 क्षीरपाक
परिभाषा - औषध द्रव्य को 15 गुना दूध तथा 15 गुना जल के साथ डालकर पकया जाता है इसको क्षीरपाक कहते है।
निर्माण विधि - अर्जुन, रसोन आदि औषधि द्रव्यों को यवकूट करके जल में डालकर विधि के अनुसार कवाथ बनाते है । उसके बाद कवाथ के समान भाग या 15 गुना जल में 15 गुना दूध डालकर मन्द आंच पर धीरे धीरे पाक करते है जब दूध भाग शेष रह जाये तो छान कर इसका सेवन किया जाता है । इस कल्पना में लवण, अम्ल, और कषाय द्रव्यों नही करना चाहिए
अनुपान - मिश्री और चीनी के साथ ।
प्रयोग - आमशूल, हृद्रोग, उदावर्त, आमवात इत्यादि ।
परिभाषा - औषध द्रव्य को 15 गुना दूध तथा 15 गुना जल के साथ डालकर पकया जाता है इसको क्षीरपाक कहते है।
निर्माण विधि - अर्जुन, रसोन आदि औषधि द्रव्यों को यवकूट करके जल में डालकर विधि के अनुसार कवाथ बनाते है । उसके बाद कवाथ के समान भाग या 15 गुना जल में 15 गुना दूध डालकर मन्द आंच पर धीरे धीरे पाक करते है जब दूध भाग शेष रह जाये तो छान कर इसका सेवन किया जाता है । इस कल्पना में लवण, अम्ल, और कषाय द्रव्यों नही करना चाहिए
अनुपान - मिश्री और चीनी के साथ ।
प्रयोग - आमशूल, हृद्रोग, उदावर्त, आमवात इत्यादि ।
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