Saturday 24 December 2016

क्षार-कल्पना

TOPIC - 17       क्षार-कल्पना 

परिचय - क्षार अनेक रसों वाला एक द्रव्य माना गया है। इसमें कटु और लवण रस की अधिकता है। सामान्यता दूषित मांस आदि को निकालने या काटने के लिए अधोमार्ग से बाहर निकालने वाले द्रव्य को क्षार कहते है। यह इन्द्रियों के द्वारा ग्रहण करने योग्य है। आचार्य चक्रपाणि के अनुसार जो नीचे की और गति करे उसको क्षार कहते है। क्षार का रूप, रस, और गंध होती है। तथा इसका स्पर्श भी किया जाता है। 

निर्माण विधि  - क्षारयुक्त औषधियों को शुष्क रूप में लेकर आग में पकाकर भस्म को चार गुना या छः गुना जल में घोलकर रख लेते है। और फिर ऊपर का जल निकल कर छान लेते है   आग पर पकाकर बची हुई राख को छान कर निकालकर फेंक देते है । द्रव्य गाढ़ा होने तक पकाते रहें सूखने पर सफ़ेद रंग का क्षार कल्प प्राप्त होता है । 

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