Topic - 10
शोरकाम्ल का परिचय, मारक मात्रा, लक्षण और चिकित्सा का वर्णन -
शोरकाम्ल - NITRIC ACID-
परिचय -
शोरकाम्ल दाहक विष है जिसे Nitric Acid कहा जाता है | इसका रसयानिक सूत्र HNO3 है | विशुद्ध शोरकाम्ल स्वच्छ , वर्ण रहित द्रव पदार्थ है | वायु में खुला छोड़ने पर इसमें से रंग रहित धुआँ निकलता है जिससे दम घुटने वाली दुर्गन्ध आती है | यह प्रबल भस्मकारक है | यह सोडियम प्लेटिनम स्वर्ण को छोड़कर बाकी धातुओं को अपने में विलीन कर लेता है|
सामान्य प्रयोग -
इसका प्रयोग लैब में विभिन्न प्रकार के acid और गैस के निर्माण के लिए किया जाता है | इसके इलावा धातु निर्माण में भी इसका प्रयोग किया जाता है | धातुओं के मिश्रण में धातु को अलग करने के लिए इसका प्रयोग करते है |
मारक मात्रा और काल -
शोरकाम्ल की घातक मात्रा 100 ml मानी जाती है या 120 बूंद | इसका घातक काल 10 से 24 घंटे माना गया है |
विषाक्त लक्षण-
इसके त्वचा के संपर्क में आते ही यह त्वचा को जला देता है और उस स्थान पर दग्ध वर्ण बन जाता है जिससे पीड़ा अधिक होती है और त्वचा में खिंचाव आ जाता है | इसके धुंए को सूंघने से सांस नली में शोथ हो जाता है | जिसके कारण साँस लेने में दिक्क़त होती है |
इसको मुख से सेवन करने से होंठ और मुँह का अंदरूनी भाग जल जाता है और श्वेत वर्ण का दिखाई देता है दांतो का रंग पीला हो जाता है | पेट में जाकर यह सूजन कर देता है जिससे उदरशूल, अफारा आदि लक्षण होने लगते है |
चिकित्सा -
शरीर के बाहरी भाग पर इसका प्रभाव होने पर तुरंत उस हिस्से को जल से धो देना चाहिए फिर उस स्थान को अच्छी तरह साफ़ करके घी ,ग्लिसरीन का प्रयोग करना चाहिए |
यदि व्यक्ति ने इसको पी लिया हो तो उसे जल्दी से मृदु ,स्निग्ध और दाहशामक औषधि पीने को देनी चाहिए इसके लिए घी, जैतून तेल और दूध का प्रयोग करना चाहिए | अम्ल के प्रभाव के शमन के लिए, कैल्शियम, मैग्नीशियम ऑक्साइड प्रत्येक 2-2 gm मिलाकर पिलाते रहें | इसके बाद 250 ml दूध और अंडे की सफेदी खाने को दे | बार - बार थोड़ी मात्रा में जलपान कराते रहें | दर्द के लिए मार्फीन का इंजेक्शन लगाते है |
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