Sunday 18 November 2018

मदनानन्द मोदक की निर्माण विधि, सामान्य गुण और मात्रा Madanaanand Modak

मदनानन्द मोदक की निर्माण विधि, सामान्य गुण और मात्रा 

घटक द्रव्य -

शुद्ध पारद   - 12 ग्राम 
शुद्ध गंधक  - 12 ग्राम 
लौह भस्म    - 12 ग्राम 
अभ्रक भस्म - 36 ग्राम
दालचीनी, तेजपत्र, छोटी इलायची, नागकेशर, कपूर, सेंधा नमक,  सोंठ, मरिच, पीपर, इन सबकी 3-3 ग्राम की मात्रा लें | 
आंवला, जावित्री, जायफल, जटामांसी, लौंग, जीरा, काला जीरा, मुलेठी, वच, कूठ, हल्दी, देवदारु, हिज्जल बीज, भुना सुहागा, भारंगी सोंठ, काकड़ासिंगी, तालीसपत्र, मुनक्का, चित्रकमूल छाल, दंतीमूल, बरियार, अतिबला, दालचीनी, धनिया, गजपीपर, कचूर, सुगन्धबाला, नागरमोथा, असगंध, विदारीकन्द, शतावर, मदार की जड़, केवांच बीज, गोखरू, विधारी बीज, भांग के बीज 
इन सबको 12-12 ग्राम की मात्रा में लिया जाता है | 

निर्माण विधि - सबसे पहले सभी रस भस्मों को खरल में डालकर अच्छी तरह से मिला लिया जाता है, उसके बाद सभी चूर्ण एक एक कर मिलाया जाता है, इसके बाद चूर्ण को  शतावर का स्वरस या कवाथ की भावना देकर घोटकर सुखा लेते है फिर इसमें 153 ग्राम सेमल की जड़ का चूर्ण और 306 ग्राम शुद्ध भांग का चूर्ण मिलाकर बकरी के दूध की भावना देकर अच्छी तरह पीसकर सूखा लें, उसके बाद दोगुनी चीनी 2 kg 142gm लेकर चीनी से चार गुना दूध = 8 kg 568 gm लेकर उसमें चीनी को मिलाकर धीमी आंच पर पकने दिया जाता है, जब दूध गाढ़ा हो जाये तो चूर्ण डालकर अच्छी तरह मिला लें | 
दालचीनी, तेजपत्र, छोटी इलायची, नागकेशर, कपूर, सेंधा नमक,सोंठ, मरिच, पीपर इन सबका 3-3 ग्राम चूर्ण लेकर अच्छी तरह मिला दें, ठंडा हो जाने पर इस पाक में एक किलो गोघृत और दो किलो शहद मिलाकर सुरक्षित रख लिया जाता है | 

मात्रा - 3 से 5 ग्राम की मात्रा में गौदूध के साथ सुबह शाम प्रयोग करें | 

उपयोग - यह अत्यंत वाजीकरण का प्रसिद्ध योग है, इसके सेवन से वीर्य वृद्धि होती है.



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