TOPIC- 3 मन्थ
परिचय - हिम कल्पना के अंतर्गत ही मन्थ कल्पना समाहित है । हिम कल्पना की तरह ही शीत जल में द्रव्य डालकर इसका मंथन किया जाता है। अर्थात मथनी से मथकर छलनी से छानकर प्रयोग में लाया जाता है ।
परिभाषा - 1 पल (50 ग्राम) औषध द्रव्य का चूर्ण लेकर 4 पल (200 ML.) शीतल जल में डालकर मथनी से मथकर वस्र से छान लेते है । यह मन्थ कल्पना है।
आचार्य सुश्रत के अनुसार सत्तू को थोड़े घी के साथ मसलकर शीतल जल में मथकर छान लेते है। यह अधिक गाढ़ा नही होना चाहिए। इसे मन्थ कहा जाता है ।
मात्रा - 2 पल ( 100 ) मन्थ
अनुपान - मधु और गुड़ के साथ ।
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