Wednesday, 14 December 2016

गुडपाक

TOPIC- 6       गुडपाक

परिचय - आयुर्वेद शास्त्र में गुडपाक कल्पना विशेषकर भगंदर व अर्श रोगों में चिकित्सा के लिए प्रयोग की जाती है । द्रव्यों को कवाथ बनाकर या औषधि का चूर्ण बनाकर गुड़ की चाशनी के साथ पकाने पर गुडपाक कल्पना बनती है। इसके लिए तीन से छः गुना मात्रा में गुड़ लेकर चाशनी बनाते है । 

गुडपाक सिद्धि के लक्षण - 1) गुड़ चमच से लिपटने लगता है ।
2) जल में डालने पर डूब जाता है । 
3) मृदु होने के कारण हाथ से मसला जाता है । 
4) घटक औषध द्रव्यों की गन्ध, वर्ण, रस आने लगता है । 
5) दबाने पर अंगुलियों की रेखाओं की छाप आ जाती है ।

मात्रा - एक कर्ष =10-15 ग्राम। 

अनुपान - शीतल जल या दूध से । 

No comments:

Post a Comment