Sunday, 11 December 2016

अर्क कल्पना

TOPIC- 4              अर्क कल्पना
  परिचय - जिन द्रव्यों का कार्मुक अंश उनके सुगन्धित तैलो में होता है उनको यदि बनाया जाये तो उनका वीर्य अंश तथा उड़नशील तैल आदि वाष्प के साथ उड़ जाते है। इस लिए केवड़ा, गुलाब, सौंफ, चन्दन, यवानी, खस आदि द्रव्यों का अर्क निकालने के लिए इनको रात्रि में भिगोकर सुबह भपका यंत्र में भरकर आग पर पाक करते है। यह यंत्र पूरी तरह बंद होने से इन द्रव्यों के वाष्प का द्रवीकरण होकर कार्मुक अंश सुरक्षित रहता है। स्वरस, हिम, फाण्ट आदि दीर्घकाल तक सुरक्षित नही रह पाती। पर अर्क लंबे समय तक संरक्षित रह जाता है । अर्क तैयार करते समय आंच धीमी रखनी चाहये । जितने द्रव्य का अर्क निकालना हो उसका तीसरा भाग अर्क निकल जाये तो और अर्क नही निकालना चाहिए ।  

निर्माण विधि - ताजे हरे सुगन्धित द्रव्य को टुकड़े करके या शुष्क औषध द्रव्य हो तो यवकूट करके 10 गुना जल में रात्रि को भिगोकर रखा जाता है। तथा प्रात: काल अर्कयंत्र में डालकर सन्धि बन्द कर देते है । तथा अर्क निकालने वाले भपकायंत्र  को चूल्ले पर रख कर आग जलाते है । भपका यंत्र के ऊपरी भाग के पात्र में शीतल जल भर देते है । तथा यंत्र की नली के नीचे कांच की बोतल रख देते है। जब जल गर्म हो जाये तो उसको निकाल कर फिर से शीतल जल भर देते है । औषध द्रव्य का सुगन्धित तैल वाष्पीभूत होकर ऊपर उठता है । तथा ऊपरी पात्र के भीतर भरे जल के कारण द्रवीभूत होकर नली के द्वारा बून्द बून्द करके कांच की शीशी में भरता रहता है । अंत में इस अर्क को छान कर बोतल का ढकन बंद करके रख लिया जाता है । 

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