Charak Nidan चरक निदान Question and Answers- Ayurveda Quiz
Charak Nidan चरक निदान Question and Answers- Ayurveda Quiz in Hindi
Q:-बहोशच प्रमाण जिज्ञासा किस व्याधि का पुर्वरुप है।
- उन्माद
- अपस्मार
- राज यक्ष्मा
- मोह
Q:-तिलपीडकचक्रधिरोहीणं वातकुण्डलिकाभि चोन्मथन। किस व्याधि के लिए कहा गया है
- राज यक्ष्मा
- उन्माद
- अपस्मार
- Koi nahi
Q:-Gulm के स्थान हैं -Sthana of Gulma
Q:-नैव देवा न गन्धर्वा न पिशाचा न राक्षसा:' किस अध्याय का सन्दर्भ है"Naiva devā na gandharvā na pishāchā na rākshasāh" find the correct reference
- चरक निदान 5
- चरक निदान 6
- चरक निदान 7
- चरक निदान 8
Q:-चक्रपाणि के अनुसार उपशय कितने प्रकार का होता है।
Q:-चरक के अनुसार राज यक्ष्मा एकादश रूप में नहीं है
- श्वास
- श्लेष्मछद्रन
- शोणितष्ठीवन
- रंक्तवमन
Q:-रक्तपित्त की व्याधि का निदानर्थकर रोग है
Q:-आहार का परम धाम होता है
Q:-अवकुंजतम किस अपस्मार का लक्षण है
Q:-गृध्नुमभ्यवहार्येषु ......नीडद्रुममिवाण्डज:" किस रोग की उपमा दी गयी है"gridhnumabhyavahaaryeshu....needadrumamivaandajah" which disease is analogous to it
Q:-निम्न में किस कुष्ठ में कृमि पाए जाते है
Q:-आचार्य चरक के अनुसार फेन का अधिक मात्रा मे निकलना ( उद्वमन्तं फेनं ) किस अपस्मार का लक्षण है ?Acc. to Acharya Charak Excessive froth coming out of mouth is symptom of which अपस्मार
Q:-चरक के अनुसार कुष्ठ भेद है
Q:-योगक्षेमकरेषु प्रयतेत विशेषण - का उल्लेख कौन से आयतन जन्य शोष में है ।
- साहस जन्य
- संधारण जन्य
- क्षय जन्य
- विष्माशन जन्य
Q:-पंतनान्यगंवयवाना कुष्ठ का................है।
- पुर्वरूपा
- उपद्रव
- लक्षण
- सभी
Q:-उदर्द निम्न में से किस व्याधि का पूर्वरूप है ?Udarda is the pūrvarūpa of which of the following disease ?
- उन्माद
- अपस्मार
- अतत्वाभी निवेश
- मद
Q:-चरकानुसार सभी भावों को छोड़कर किसका अनुपालन करना चाहिएAccording to charaka, leaving everything else what should be maintained?
Q:-अर्दीतआकृतिकारण च व्याधे । किस व्याधि का पुर्वरूप है।
- उन्मद
- अपस्मार
- Rajyakshma
- ज्वर
Q:-चरकसंहिता में अपस्मार के कुल कितने भेद बताए गए है
Q:-मसिवर्ण किस प्रमेह का स्वरूप है"Masivarna" urine appears in which type of prameha?
- क्षार मेह
- काल मेह
- नील मेह
- हरिद्रा मेह
Q:-अभीक्ष्णमपस्मरन्तम्' किस अपस्मार का लक्षण है"abhikshanamapasmarantama" is symptom of which type of apasmaara?
Q:-बहुबहलरक्तपुयलासिकानी। किस कुष्ठ का लक्षण है
- कपाल
- उदुंबर
- मंडल
- पुंडरीक
- Other:
Q:-अनूपशय का अंतर भाव किया जाता है।
- निदान
- पुरवारूपा
- रूप
- सम्प्रप्ती
Q:-आचार्य चरक के अनुसार अपस्मार व्याधि मे बीभत्स चेष्ठा युक्त होना और अंधकार में डूबने जैसा होना किस के विभ्रम से होता है?Acc. to Acharya Charak , Bibhatsa cheshtā and getting lost in darkness in apasmāra vyādhi is due to vibhrama of ?
- स्मृति के
- मन्न के
- बुद्धि के
- सभी
Q:-आचार्य चरक के अनुसार निम्नलिखित मे से किस प्रयोजन वाला भूतो उन्माद साध्य होता है?Acc. to Acharya Charak Bhūta Unmāda due to which the following prayojana is considered sādhya ?
Q:-Gulm में प्रधान दोष कौन सा है -Pradhāna Dosha in Gulma...
Q:-पित्तज प्रमेह हैPittaja prameha is -
- काल मेह
- शुक्ल मेह
- शिकता मेह
- शुक्र मेह
Q:-........... पुन स्मृतिबुद्धिसत्व संप्लवा वीभत्सचेष्टाअवस्थिकाम तम प्रवेश ।
- रज्यक्षमा
- मद
- उन्माद
- अपस्मार
Q:-6- भूतो उन्माद के कारण में कितने आयतन है।
Q:-आचार्य चरक के अनुसार उन्माद मे दोष कौन से स्त्रोत्स को आवृत करते है?Acc. to Acharya Charak Which Srotasa Āvarana occurs by dosha on.Unmāda ?
Q:-प्रत्याख्येय अपस्मार हैWhich type of apasmaara is pratyaakhyeya?
Q:-हिताशी स्यान्मिताशी स्यात्कालभोजी जितेन्द्रियः ....." इस श्लोक का रेफेरेंस बताये ।"Hitāshī syānmitāshī syātkālabhojī jitendriyah ......... " the reference of this shloka is -
- चरक निदान 7
- चरक निदान 8
- चरक निदान 5
- चरक निदान 6
Q:-रहस्कामता किस उन्माद का लक्षण हैRahaskāmatā is symptom of which Unmāda
Q:-भस्म मेह का वर्ण न किस आचार्य ने किया है
Q:-बीभत्सदर्शनता चास्य काये" किस व्याधि का पूर्वरूप है"beebhatsadarshanataa chaasya kaaye" is premonitory symptom of which disease?
Q:-निम्न में से कौन सी व्याधि का कोई दुष्य नहीं होता है
- ज्वर
- रक्तपित्त
- गुल्म
- प्रमेह
Q:-मृजाव्ययामवर्जनं" किस व्याधि का सामान्य निदान है"mrijaavyaayaamvarjanam" is nidaana of which type of disease?
- प्रमेह
- गुल्म
- ज्वर
- रक्तपित्त
Q:-प्राचीन काल में दक्ष प्रजापति के यज्ञ विध्वंस के समय भय,त्रास,शोक से किस व्याधि की उत्पत्ति हुईDuring the ancient times, what diseases was created due to fear, suffering and sadness during the Yajna Vidhvansa of Daksha Prajapati?
- रक्तपित्त
- उन्माद
- अपस्मार
- गुल्म
Q:-व्याधि संकर का वर्णन किस आचार्य ने सर्व प्रथम किया है।
- चरक
- सुश्रुत
- वागभट
- चक्रपाणि
Q:-आस्फालयन्तं भूमिं" किस अपस्मार का लक्षण है"aasfaalyantam bhumim" is symptom of which type of apasmaara?
Q:-घर्मान्त किस ऋतु का prayayy है
Q:-दोषों की तर तम उपलब्धि किस संप्राप्ति के अन्तर्गत आती है
- संख्या
- प्रधान
- विधि
- विकल्प
Q:-प्रमेह दुष्य में किस धातु का अंतर्भाव नहीं होता है ?Which dhātu is not included in the dūshya of prameha ?
Q:-हविष्प्राश से कौनसी व्याधि होती है ?Which disease occurs due to havishprāsha ?
Q:-उर्धवाग रक्तपित्त में कौन सी प्रधान औषधियो से विरेचन करते है।
- कषाय and tikta
- कटु
- मधुर
- Koi nahi
Q:-रक्तपित्त को लोहित पित संज्ञा किसने दी है
- चरक
- Shushrut
- वागभट्ट
- माधव
Q:-राज यक्ष्मा के आयतन कितने है
Q:-कास का निदानार्थकर रोग है (चरकानुसार)According to charaka, nidaanaarthakara roga of kaasa is
- क्षय
- प्रतिशायाय
- श्वास
- हिक्का
Q:-चरक ने निदान स्थान के किस अध्याय में रोगों की साध्यासाध्यता का वर्णन किया हैCharak has described the saadhyaasaadhyataa of the diseases in which chapter of the nidaana sthaana?
Q:-प्रयोगापरिशुद्धत्वात् एवं अन्योन्यसंभावात्' किसके हेतु है"prayogaaparishuddhatvaata evum anyonyasambhaavaat" is the cause of Kriya Shankar Vyadhi SankarLeen dosh Sham vyafi
- व्याधि संकर
- क्रिया संकर
- लीन दोष
- साम व्याधि
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