कल्क कल्पना तथा मात्रा,कल्क में प्रक्षेप द्रव्य-
कल्क कल्पना:
कल्क को पेस्ट भी कहा जाता है ताज़ा औषधि हो तो शिलपिष्ट करके कल्क तैयार किया जाता है। शुष्क द्रव्य हो तो उसके चूर्ण में आवश्यकता अनुसार जल मिलाकर कल्क तैयार करते है। अर्थात जल, स्वरस आदि के साथ शुष्क औषधि द्रव्य के चूर्ण को पीस कर बनाया गया पिण्ड कल्क कहलाता है।
कल्क को पेस्ट भी कहा जाता है ताज़ा औषधि हो तो शिलपिष्ट करके कल्क तैयार किया जाता है। शुष्क द्रव्य हो तो उसके चूर्ण में आवश्यकता अनुसार जल मिलाकर कल्क तैयार करते है। अर्थात जल, स्वरस आदि के साथ शुष्क औषधि द्रव्य के चूर्ण को पीस कर बनाया गया पिण्ड कल्क कहलाता है।
कल्क मात्रा :
1 कर्ष = 1तोला, तीक्ष्ण द्रव्यों के कल्क की मात्रा 5 से 6 gm
1 कर्ष = 1तोला, तीक्ष्ण द्रव्यों के कल्क की मात्रा 5 से 6 gm
कल्क में प्रक्षेप द्रव्य :
कल्क सेवन करते समय शहद तथा घृत की मात्रा कल्क से दोगुनी,
मिश्री और गुड़ सामान मात्रा में,
कल्क सेवन करते समय शहद तथा घृत की मात्रा कल्क से दोगुनी,
मिश्री और गुड़ सामान मात्रा में,
स्वरस दूध और जल चार गुना मात्रा में लेने चाहिए ।
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