TOPIC- 31 खण्ड पाक
परिचय - यह एक प्रकार की अवलेह कल्पना के अंतर्गत आता है । इस विभिन प्रकार के द्रव्यों का चूर्ण खण्ड के रूप में प्रयोग में लेते है ।
हरिद्रा खण्ड निर्माण विधि - सबसे पहले हल्दी , गाय का दूध , घृत , खाण्ड लेकर मृदु आंच पर धीरे धीरे पाक करते है । जब यह पाक हो जाये तो त्रिकटु ,( सोंठ , पिप्पली , मरिच ) त्रिजातक ( दालचीनी , छोटी इलायची , तेजपत्र ) वायवडिंग , निशोथ , त्रिफला , नागकेसर , मोथा , लौह भस्म प्रत्येक का प्रक्षेप देते है । फिर सभी को अच्छी तरह मिला देते है । इस प्रकार हरिद्राखण्ड तैयार हो जाता है ।
मात्रा - आधा तोला ।
प्रयोग - यह कण्डू , विस्फोटक , दग्ध , शीतपित्त , उदरशूल और त्वचागत रोगों को नष्ट करता है । यह कण्डू रोग ( खुजली ) की उत्तम औषधि है ।
~ समाप्त ~
परिचय - यह एक प्रकार की अवलेह कल्पना के अंतर्गत आता है । इस विभिन प्रकार के द्रव्यों का चूर्ण खण्ड के रूप में प्रयोग में लेते है ।
हरिद्रा खण्ड निर्माण विधि - सबसे पहले हल्दी , गाय का दूध , घृत , खाण्ड लेकर मृदु आंच पर धीरे धीरे पाक करते है । जब यह पाक हो जाये तो त्रिकटु ,( सोंठ , पिप्पली , मरिच ) त्रिजातक ( दालचीनी , छोटी इलायची , तेजपत्र ) वायवडिंग , निशोथ , त्रिफला , नागकेसर , मोथा , लौह भस्म प्रत्येक का प्रक्षेप देते है । फिर सभी को अच्छी तरह मिला देते है । इस प्रकार हरिद्राखण्ड तैयार हो जाता है ।
मात्रा - आधा तोला ।
प्रयोग - यह कण्डू , विस्फोटक , दग्ध , शीतपित्त , उदरशूल और त्वचागत रोगों को नष्ट करता है । यह कण्डू रोग ( खुजली ) की उत्तम औषधि है ।
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