TOPIC- 1( SUBJECT - AUSHAD PARKARIYA )
मान की परिभाषा ,द्र्व्यमान एवं पय्यमान की परिभाषा ।
मान की परिभाषा : जिससे तोला या मापा जाता है उसे मान कहा जाता है मान की परिभाषा ,द्र्व्यमान एवं पय्यमान की परिभाषा ।
मान के ज्ञान की आवश्यकता : मान के बिना किसी भी मनुष्य चाहे वो बीमार हो या वह स्वस्थ हो उसे कोई भी द्रव्य नही दिया जा सकता,क्योंकि किसी भी आहार द्रव्य या औषधि के निर्माण के लिए जिन द्रव्यों का प्रयोग किया जाता है वह उचित मात्रा में होने चाहिए, इस लिए मान का ज्ञान होना आवशयक है ।
मान के भेद : आचार्य चरक ने मान के दो भेद माने है ।
१) मागध मान
२) कालिंग मान
इनमें से मागध मान श्रेष्ठ माना गया है । इसके इलावा मान के तीन भेद और माने गये है ।
१) पौत्तव मान {Measurement of weight} : यह केवल ठोस द्रव्यों को तोलने के काम आता है
२) द्र्व्य मान{ Measurement of capacity} : केवल द्रव पदार्थ के माप के लिए पात्र विशेष जिससे द्रव पदार्थ मापा जाये उसे द्रव्यमान कहते है ।
३)पय्यमान {Measurement of length }: यह केवल द्रव्य पदार्थो की लंबाई, चौड़ाई, मोटाई मापने के काम आता है ।
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