कषाय की परिभाषा, कषाय योनियां,
कषाय की परिभाषा: जिस द्रव्य का सेवन करने से गले में कर्षण (खरखराहट) होती है । उस द्रव्य को हम कषाय द्रव्य कहते है । कषाय का अर्थ द्रव्य का असली रूप नष्ट कर उसको खाने के योग्य बनाना । जैसे- तुलसी के पत्र का रस प्राप्त करने के लिए उसके मूल स्वरूप को नष्ट करना पड़ता है अर्थात तुलसी पत्र को पीस कर उसका रस प्राप्त किया जाता है ।
कषाय योनियां: हर तरह के कषाय लवण रस को छोड़ कर बाकी के पांच रसों से बनते है ।
(1) मधुर कषाय
(2) अम्ल कषाय
(3) कटु कषाय
(4) तिक्त कषाय
(5) कषाय कषाय
CONTINUED.....
कषाय की परिभाषा: जिस द्रव्य का सेवन करने से गले में कर्षण (खरखराहट) होती है । उस द्रव्य को हम कषाय द्रव्य कहते है । कषाय का अर्थ द्रव्य का असली रूप नष्ट कर उसको खाने के योग्य बनाना । जैसे- तुलसी के पत्र का रस प्राप्त करने के लिए उसके मूल स्वरूप को नष्ट करना पड़ता है अर्थात तुलसी पत्र को पीस कर उसका रस प्राप्त किया जाता है ।
कषाय योनियां: हर तरह के कषाय लवण रस को छोड़ कर बाकी के पांच रसों से बनते है ।
(1) मधुर कषाय
(2) अम्ल कषाय
(3) कटु कषाय
(4) तिक्त कषाय
(5) कषाय कषाय
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