Monday 14 November 2016

कषाय की परिभाषा, कषाय योनियां,

                  कषाय की परिभाषा, कषाय योनियां,

कषाय की परिभाषा:    जिस द्रव्य का सेवन करने से गले में कर्षण (खरखराहट) होती है । उस द्रव्य को हम कषाय द्रव्य कहते है । कषाय का अर्थ द्रव्य का असली रूप नष्ट कर उसको खाने के योग्य बनाना । जैसे- तुलसी के पत्र का रस प्राप्त करने के लिए उसके मूल स्वरूप को नष्ट करना पड़ता है अर्थात तुलसी पत्र को पीस कर उसका रस प्राप्त किया जाता है ।

कषाय योनियां: हर तरह के कषाय लवण रस को छोड़ कर बाकी के पांच रसों से बनते है ।
                      (1) मधुर कषाय
                      (2) अम्ल कषाय
                      (3) कटु कषाय  
                      (4) तिक्त कषाय 
                      (5) कषाय कषाय 
CONTINUED.....

No comments:

Post a Comment