हिंग्वाष्टक चूर्ण की निर्माण विधि, सामान्य गुण और मात्रा -
हिंग्वाष्टक चूर्ण-
घटक द्रव्य -
- हींग ---------10 ग्राम
- सोंठ ---------10 ग्राम
- पिप्पली ------10 ग्राम
- काली मिर्च --10 ग्राम
- अजवायन -- 10 ग्राम
- सैंधव नमक -10 ग्राम
- सफ़ेद जीरा -10 ग्राम
निर्माण विधि -
इन सभी औषधि द्रव्यों को बराबर भाग लेकर साफ़ करके बारीक पाउडर बना लें, इसके बाद इसको कपड़े या छलनी में छानकर शीशी में भरकर रखें |
मात्रा और अनुपान -
हिंगवाष्टक चूर्ण को 2 रत्ती से 8 रत्ती अथवा 250mg से 1 ग्राम की मात्रा में भोजन के पहले ग्रास ( निवाले ) में घी साथ सेवन करना चाहिए |
सामान्य गुण और उपयोग -
हिंग्वाष्टक चूर्ण जठराग्नि को दीप्त करता है | यह चूर्ण पेट में गैस, अपच, अरुचि, बदहज़मी, पेट का फूल जाना, अजीर्ण , पेट में दर्द और खट्टी डकारें आना आदि रोगों का नाश करता है |इसका प्रयोग वात प्रधान दोषों को शांत करने के लिए किया जाता है | यह पाचन तंत्र को ठीक करता है | भूख बढ़ाता है और अम्लपित्त का नाश करता है |
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